काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल आप सभी विद्यार्थियों को अशेष शुभकामनाएँ!
विद्या के साथ संस्कृति की जो घुट्टी आपने वहाँ पी ली है; वह आपकी अपरिमित ऊर्जा को राष्ट्रनिर्माण में लगाए, ऐसी कामना करता हूँ !
आप में से बहुत से साथी जानते हैं कि मैंने संस्कृति की संवाहिका भाषा (हिंदी) के लिए अपने इस जीवन को अर्पित करने का प्रण लिया है। आप सब भी यथासंभव हिंदी के मानक और परिनिष्ठित रूप का प्रयोग करें; यही इस बड़े भाई का आग्रह है।
साथ ही, यह भी आप सब से साझा करना चाहूँगा कि यह जानकर दुःख हुआ कि आपलोगों को प्रदत्त प्रमाणपत्र की भाषा त्रुटिपूर्ण है। वैसे, आपमें से ही कुछ अनुजों ने मेरा ध्यान इस ओर आकृष्ट किया है, जो दिखाता है कि आपकी शिक्षा सफल हुई।
लेकिन हाँ, काशी हिंदू विश्वविद्यालय की गरिमा बहुत बड़ी है। वहाँ, संस्कृत और हिंदी में 'बेचलर ऑफ आर्ट्स', 'आनर्स' आदि लिखा देखकर आप सबको भी दुःख हुआ होगा। मनोविज्ञान के बदले 'साइकोलॉजी' लिखा देखना आपके लिए किञ्चित् भी प्रीतिकर नहीं रहा होगा, यह मैं समझता हूँ।
आप सब प्रबुद्ध हैं। आप भली प्रकार जानते हैं कि यह छोटी बात नहीं है। आपमें से ही कुछ भाई हैं, जो चाहते हैं कि इस संदर्भ में मैं कुछ करूँ। मेरा अभिमत है (और विश्वास भी) कि आप लगभग 30,000 शामिल विद्यार्थी इस विषय को उठाने और सकारात्मक निष्कर्ष तक ले जाने में सक्षम हैं।
पुनश्च, मैं आप सबसे यह अनुरोध करता हूँ कि आप शब्दों के प्रयोग में सावधानी बरतें, हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग करें और हिंदी में ही हस्ताक्षर करें!
जय हिंद ! जय हिंदी !
आपका ही,
कमल
(साझा करने का चुनाव तो आपका है ही! हर हाल में मुझे अपने साथ समझें !)
जय हिंदी !
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