सैर कर दुनिया की गाफिल,
जिंदगानी फिर कहां
जिंदगानी गर रही ,
तो नौ जवानी फिर कहां
उक्त पंक्तियों को चरितार्थ करने के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय आगरा के पूर्व छात्र एवं छात्राएं अपने बचपन की यादें और बचपन के दिनों को तरोताजा करने के लिए आगरा से करीब 35 किलोमीटर दूर बस द्वारा परिवार सहित फतेहपुर सीकरी स्मारक पहुंचे ,जहां सभी ने अपनी यादें ताजा की ,वही चिर परिचित अंदाज़ ,वही उसका मुस्कुराना, वही हंसी के ठहाके, वही एक दूसरे को छेड़ना, ऐसा लग रहा था जैसे जिंदगी आज दोबारा से मिली हो .
खुद तो मिलते आ रहे थे वर्षों से पर परिवारों से कभी रूबरू करवा पाए नहीं
उस चेहरे में बात ही कुछ ऐसी थी कि भुलाना तो चाहा बहुत पर भुला पाए नहीं
आज जब 18 साल बाद मिले तो सभी ने नवोदय में बिताए हुए उन 7 सालों को फिर से जीने की कोशिश की, आज सभी अपनी अपनी जगह पर एक सफल व्यक्तित्व जी रहे हैं कोई डॉक्टर है कोई इंजीनियर है कोई शिक्षक है कोई सफल बिजनेसमैन है फिर भी, भागदौड़ भरी जिंदगी में थकना मना है ,की व्यस्त दिनचर्या से समय निकाल कर
आज दोस्तों से मिलने का इरादा किया
जिंदगी को फिर से जीने का वादा किया
साथियों ने उन लम्हों ,उन पलों को भी याद किया जब कभी कक्षा 9 में एक बार अंग्रेजी शिक्षक दुष्यंत सिंह सर के साथ फतेहपुर सीकरी जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था आज फिर से जीवन में उसी दिन को जीने का मौका मिला
आगरा से लेकर के फतेहपुर सीकरी तक नवोदय का माहौल हो गया था सभी ने साथ में फोटोग्राफी करवाई, साथ ही ब्रेकफास्ट किया तथा बच्चों के साथ खेलकूद एवं मनोरंजन किया, दोपहर के बाद नवोदय विद्यालय आगरा के ही हमारे सीनियर बड़े भाई जयप्रकाश जी 99 बैच के रिसॉर्ट गुलमोहर विला में सभी ने भोजन का आनंद लिया
यहीं पर परिवार की महिलाओं द्वारा बैडमिंटन एवं अंताक्षरी प्रतियोगिताएं आकर्षण का केंद्र रही
लाजवाब कर देते हैं तेरे ख्याल दिल को
ए चांद तुझसे अच्छा तेरा तसव्वुर है
यही अंदाज नजर आया 2000 बैच के साथियों के याराने मे, मैं धन्यवाद ज्ञापित करता हूं अपने सभी साथियों का जिन्होंने अपने व्यस्त समय में से समय निकाल कर के फैमिली टूर के लिए अपना योगदान दिया साथ ही धन्यवाद ज्ञापित करना चाहता हूं अपने बड़े भाई जयप्रकाश जी का जिन्होंने फतेहपुर सीकरी में हमारे घर जैसा माहौल का एहसास दिलाया धन्यवाद देता हूं मित्र राम किशन चाहर को जो परिवार सहित हमारे स्वागत हेतु फतेहपुर सीकरी के गेट पर ही पहुंच गए थे.... धन्यवाद देना चाहता हूं अपने मित्र Ram Kunwar जो उधम सिंह नगर से चलकर सिर्फ इसी टूर के लिए परिवार सहित आगरा पहुंचे साथ ही वे सभी साथी जिन्होंने इस टूर को इतना यादगार बनाया Jaswant Singh , Dr.Rakhi singh ,DrMukesh baghel , Dr rashmi pal, Heera Singh. ChaudharyJitendra Rajesh kumar. Ram Kishan Chahar SunilGahalout Umesh verma Rajveer Bharti Rajveer Singh elam singh Sanjeev Mamta ram veer Rathor ...and kids...
काश लौट आए वो दिन .....
एक बार फिर तुझसे आंखें दो-चार करने को जी चाहता है
एक बार फिर तेरी गोद में सिर रखकर सोने को जी चाहता है
जिंदगी में मुकाम कितने भी करले हासिल
फिर भी ,
फिर से तेरे आंगन में लौट आने को जी चाहता है......
Miss you Jnv and Jnv Life ...
Sanjeev kumar
Jnv agra
1993-2000 batch
भाई आपने जो लिखा है वो केवल कविता नहीं है आपने हम सभी की यादों को एक बार फिर ताजा कर दिया नवोदय में बिताए गए सात साल आपने फिर याद दिये आपके लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंलिखा जो तूने दिल से से
तो पढ़ा भी हमने दिल से से
रूकना न सिर्फ यहीं पे
ये तो सिर्फ एक शुरुआत है
तू लिखता जा
हम पढ़ते जाएं
क्यों कि
कविता नहीं है
हम सभी की यादों की बारात है
आपकी बहन सविता