फतेहपुर, शमशाद खान । नगर पालिका परिषद की बोर्ड बैठकों में सदस्यों द्वारा बड़े बड़े दावे तो किये जाते हैं लेकिन दावों को वह कितना पूरा कर पाते हैं इसका नजारा शहर क्षेत्र के कई इलाकों में देखा जा सकता है। पालिका क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले शादीपुर वार्ड के जयरामनगर मुहल्ले के लोग कई वर्षों से नरकीय जीवन जीने को विवश हैं। क्योंकि इस मुहल्ले में जलभराव की बेहद समस्या है। गलियों में भरे गंदे पानी के कारण दुर्गन्ध उठ रही है। जिससे लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। इस समस्या से सबसे अधिक बच्चों को दिक्कतें उठानी पड़ रही है। इस संबंध में जब क्षेत्रीय सभासद से बात की गयी तो उनका कहना रहा कि जलभराव की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए उनके प्रयास जारी हैं। जल्द ही लोगों को साफ-सुथरी गलियां मिल जायेंगी।
बताते चलें कि चुनाव के समय जनप्रतिनिधियों द्वारा क्षेत्र की जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए तमाम बड़े-बड़े वादे किये जाते हैं। लेकिन यह वादे कितने हद तक पूरे होते हैं यह सभी जानते हैं। शहर के शादीपुर वार्ड के अन्तर्गत आने वाले जयरामनगर मुहल्ले को ही देख लिया जाये तो यहां मूलभूत सुविधाओं का बेहद टोटा है। यह क्षेत्र नगर पालिका परिषद के अन्तर्गत आता है। लेकिन देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि यह मुहल्ला वार्ड का हिस्सा ही नहीं है। ऊबड़-खाबड़ मार्गों के साथ-साथ नालियों के न होने के चलते गलियां गन्दे पानी से भरी पड़ी हैं। इस समस्या के बाबत मुहल्लेवासियों ने कई बार आवाज उठायी लेकिन आज तक समस्या का निदान नही हो सका। नगर पालिका परिषद के चुनाव के दौरान लोगों ने मन बनाया और सभासद को बदलने की ठान ली। चुनाव के दौरान सभासद प्रत्याशी रहीं नेहा गुप्ता पत्नी विमल गुप्ता ने मुहल्ले के लोगों को आश्वस्त किया था कि वह उनकी समस्याओं को प्रमुखता से लेंगे और हर समस्या का निदान करायेंगे। मुहल्ले के लोगों में आस जागी और उन्होने नेहा गुप्ता का समर्थन किया। जिसके कारण उन्होने सभासदी के चुनाव में जीत हासिल की। जीत हासिल होने के बाद मुहल्ले के लोगों में यह चर्चा होने लगी कि अब जल्द ही उनके नरकीय जीवन से छुटकारा मिल जायेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आज भी हालात जस के तस हैं। मुहल्ले की गली को देखे तो स्थिति स्पष्ट हो जायेगी। वर्षों से नाली का गंदा पानी सड़क पर भरा हुआ है। यह पानी इतना काला हो गया है कि इससे दुर्गन्ध भी उठ रही है। यह दुर्गन्ध पूरे मुहल्ले को अपनी चपेट में लिये हुए हैं। यहां से लोगों का निकलना तक दुश्वार है। इस जलभराव के कारण सबसे अधिक दिक्कत नन्हे-मुन्ने बच्चों को उठानी पड़ती है। अभी गर्मी के दिनों के हालात यह है जब बारिश का मौसम आ जायेगा तब यहां के हालात क्या होंगे इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। मुहल्ले के लोगों से जब इस बाबत बातचीत की गयी तो उनका कहना रहा कि इस समस्या को लेकर वह सांसद, विधायक, चेयरमैन से गुहार लगा चुके हैं। लेकिन आज तक उनकी समस्या का निदान नहीं कराया गया। मुहल्लेवालों का कहना रहा कि इस समस्या से क्षेत्रीय सभासद को भी बताया गया है। लेकिन उन्होने भी इस ओर मुड़कर नही देखा और वह सभी नरकीय जीवन जीने को विवश हैं। जब चुनाव का समय नजदीक आता है तो यही जनप्रतिनिधि बड़े-बड़े वादे करते हैं। लेकिन चुनाव जीतने के बाद एक भी वादा पूरा नहीं करते। मुहल्लेवासियों ने एक बार फिर से इस समस्या के बाबत जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए छुटकारा दिलाये जाने की मांग की है। इस बाबत जब क्षेत्रीय सभासद प्रतिनिधि विमल गुप्ता एडवोकेट से बात की गयी तो उनका कहना रहा कि जलभराव की समस्या को देखते हुए उनके प्रयास जारी हैं। जल्द ही मुहल्ले के लोगों को जलभराव से छुटकारा दिलाने का काम किया जायेगा।
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