फतेहपुर, शमशाद खान । मौसमी बीमारियों ने सरकारी स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाओं को बौना साबित कर दिया है। माह भर के अंदर कई मौते डायरिया से हो चुकी हैं। इधर कई दिनों से जिले के सबसे बडे अस्पताल के तीनों वार्ड मरीजों से पटे हैं। शनिवार को तो हद हो गयी बेड कम पड गये। अस्पताल प्रशासन को मरीजों की संख्या से जूझना पडा। ऐसे में कई मरीजों को इमरजेन्सी में दवाएं थमा करके बैरंग किया जाता रहा। ऐसे में उन मरीजों को खासी मायूसी लगी जो निजी अस्पतालों का महंगा इलाज कराने की स्थिति में नही थे।
डायरिया, वायरल फिवर, हीट स्ट्रोक व मलेरिया के रोगियों की संख्या में बढोत्तरी का होना जारी है। शनिवार को इस बडे अस्पताल में पचास से साठ नए रोगी भर्ती कराये गये। इसके अलावा पहले से ही एक सौ पचास मरीज भर्ती हैं। इस दिन मरीजों की संख्या दो सौ से अधिक पहुंच गयी। आलम यह रहा कि ओपीडी आने वाले मौसमी बीमारी से जकडे मरीजों की फौज को डाक्टर्स, भर्ती होने की एडवाइज देने से कन्नी काटते रहे। मालूम रहे कि इन दिनों मौसमी बीमारी से ग्रसित रोगी जिला अस्पताल में बडी संख्या में आ रहे हैं। मालूम रहे कि 118 बेड वाला सबसे बडा अस्पताल भी इन दिनों फुल है। मरीज निजी नर्सिंग होमों में भर्ती होने को मजबूर हो रहे हैं। सरकारी स्वास्थ एवं चिकित्सा को बौना साबित कर दिया है। अब तक डायरिया से कई लोगों की मौत हो चुकी है।

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