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बुधवार, 10 अप्रैल 2019

सेंट्रल स्टेशन के आसपास की बस्तियों में पनप रहा अपराध

कानपुर नगर, हरिओम गुप्ता - कानपुर सेंट्रेल स्टेशन तथा उसके आसपास के साथ ही आये दिन यात्रियों के साथ जहरखुरानी तथा लूट-पाट के होने वाले अपराधों का सबसे बडा कारण स्टेशन के पास ही बनी अवैध बस्तियां है। अपराधी इन बस्तियों से निकलकर आसानी से अपराध करता है और फिर इसी बस्ति में गायब हो जाता है। अवैध बस्ती में कौन लोग रह रहे है, कहां से आये, क्या करते है कानपुर प्रशासन, पुलिस और न ही आरपीएफ व जीआरपी ध्यान दे रही है और लगातार स्टेशन के आस-पास अपराध बढता जा रहा है, जबकि ख्ुाफिया की रिपोर्ट में इसे खतरा बताया गया है। 
                 कानपुर रेलवे स्टेशन में होने वाले अपराध तथा यात्रियों के साथ आये दिन होने वाली लूट-पाट की घटनाओं में जिन अपराधियों को हाथ होता है वह स्टेशन के पास ही बनी अवैध बस्ती में रहते है। सूत्र बताते है कि इन अवैध बस्तियों में बांग्लादेशी लोग आकर बडी संख्या में रहते है लेकिन कानपुर प्रशासन और पुलिस ने कभी यह जानने की जरूरत नही समझी की यह अवैध रूप से रह रहे लोग कौन है।  स्टेशन के आसपास इनकी अच्दी खासी तादार है और यह लगातार अपराध करते आ रहे है। बतातें चले कि स्टेशन के दोनो ही ओर कैंट तथा सिटी की तरफ बडी संख्या में अवैध बस्तियां है। आलम यह कि स्टेशन के बाहर सडक तथा फुटपाथों पर इन लोगने ने अपना कब्जा कर लिया है। इतना ही नही कैंट एरिये में यह लोग अंदर तक घुसे हुए है और फेथपुलगंज व आस पास क्षेत्रों में भी अपना डेरा जमाया हुआ है। बताया यह भी जाता है कि पुलिस को सब जानकारी है लेकिन मिलीभगत के कारण पुलिस कुछ नही कहती और यह बांग्लादेशी स्टेशन व लोगों की सुरक्षा का खतरा बनते जा रहें है। स्टेशन पर मौजूद सूत्रों की माने तो इन बस्तियों में रहने वाले लोग ही सेंट्रल पर अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते है, उनके साथ इस धंधे में जीआपी व आरपीएफ के कुछ सिपाही की शामिल है जिनका इन अपराधियों को आश्रय प्राप्त है और इसी लिए यह आपराध करते है। जानकारी होने के बावजूद भी आज तक कोई कार्यवाही नही हुई और न ही पुलिस व प्रशासन द्वारा यह जानने की कोशिश की गयी कि इतने बाहरी लोग कैसे अवैध बस्ती बनाकर स्थापित हो गये, ये कौन लोग है। समय रहते यदि इसपर ध्यान नही दिया गया तो अपराध तो बढेगा ही साथ ही सेंट्रल के साथ ही कैंट एरिया और सिटी साइड की सुरक्षा व्यवस्था को भी खतरा उत्पन्न हो जायेगा। स्टेशन डायरेक्टर का कहना है कि कुछ बस्तियों को पहले तोडा जा चुका है लेकिन यह बस्तियां पुलिस के अधिकारक्षेत्र में आती है।

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