बोर्ड अध्यक्ष ने पर्यटन विकास पर की चर्चा
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुंदेला रविवार को मुख्यालय स्थित डाक बंगले में साधू-संतों, किसानों समेत सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों से रूबरू हुए। इस दौरान बुुंदेलखंड के समग्र विकास की रूपरेखा तय की गई।
उन्होंने कहा कि योगी सरकार बुंदेलखंड के समग्र विकास के प्रति गंभीर है। जल्द ही बुंदेलखंड के बांदा जिले में नेशनल स्तर की दूध डेयरी और चित्रकूट जिले में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा बनने जा रहा है। जिससे किसानों की आय बढ़ने के साथ भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट का पर्यटन विकास होगा। इसके अलावा बोर्ड द्वारा सरकार से बुंदेलखंड में खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए स्पोर्टस अकादमी की स्थापना किये जाने की भी मांग की गई है। बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा के माध्यम से पृथक राज्य की मांग को राष्ट्रीय स्तर पर बुलंद करने वाले राजा बुंदेला को योगी सरकार द्वारा बुंदेलखंड विकास बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया गया है। धर्म नगरी के दो दिवसीय दौरे पर आये राजा बुंदेला ने रविवार को कामदनाथ के दर्शन पूजा कर आर्शीवाद लिया। इसके बाद कामदगिरि प्रमुख द्वार के संत मदन गोपाल दास समेत चित्रकूट के दर्जनों संतो के साथ बैठक कर चित्रकूट और बुंदेलखंड के समग्र विकास की रूपरेखा बनाई। संत मदन गोपाल दास ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण और अतिक्रमण के चलते मां मंदाकिनी नदी का अस्तित्व खत्म होने की कगार पर है। इसके संरक्षण के लिए अनुसुईया आश्रम के ऊपर अमरावती में एक बड़ा बांध बनाकर वर्षा का जल संरक्षण करने की जरूरत है। इससे भूगर्भ जल स्तर बढने के साथ मंदाकिनी में वर्ष भर जल की उपलब्धता बनी रहेगी। इसके साथ ही उन्होंने कामदगिरि पर्वत को भी अतिक्रमण मुक्त कराने का सुझाव दिया। भरत मंदिर के महंत दिव्यजीवन दास ने कहा कि भगवान श्रीराम की तपोभूमि होने के कारण प्रति वर्ष लाखों श्रद्धालु चित्रकूट आकर मंदाकिनी में स्नान करने के बाद कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा करते हैं। इसलिए सड़क और रेल परिवहन सुविधाओं को बेहतर करने की जरूरत है। देश की आध्यात्मिक राजधानी चित्रकूट को जन्मभूमि अयोध्या, मथुरा, काशी और मिर्जापुर आदि प्रमुख तीर्थ स्थलों से जोडने के लिए सीधी बस सेवा शुरू करने के साथ रेल सेवाओं से भी जोड़ने की जरूरत है। रामायणी कुटी के महंत रामहहृय दास ने कहा कि चित्रकूट में एक बड़ा गौ अभ्यरण बनाने की जरूरत है। जिसमें आवारा गौवंशों को संरक्षित किया जा सकें।
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