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गुरुवार, 6 जुलाई 2017

खिड़कियों में खड़े होकर सफर करने वालों को मौत का भय नहीं!

फतेहपुर, शमशाद खान । ट्रेनों से सफर करने वाले यात्री टेªनों की बोगी के दरवाजे पर लटक कर यात्रा करने से गुरेज नही करते हैं। जबकि आये दिन टेªनों से गिरकर नजाने कितने यात्री अपंग हो जाते हैं। कुछ को तो अपनी जान से भी हांथ धोना पड़ता है। इसके बाद भी न तो यात्री चेत रहे हैं और न ही यात्रियों की मनमानी पर रेलवे प्रशासन अंकुश लगा पा रहा है। जिसके कारण चलती टेªन की बोगियों से यात्रियों की गिर कर होने वाली मौतों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। बताते चलें कि टेªनों से यात्रा करने वाले यात्रियों के चलती टेªन से गिर कर घायल होने या मरने की खबरे प्रकाश में आती रहती हैं। यह खबरें जब प्रकाश में आती हैं तो लोग सोंचने लगते हैं कि चलती टेªन से आखिर यात्री कैस गिर कर मौत के आगोश मे चला गया। जबकि देखा जाए तो इन दुर्घटनाओं के शिकार होने वाले यात्री स्वयं ही दोषी नजर आयेंगे। क्योंकि टेªन के अन्दर सीट पर बैठे यात्री का चलती टेªन से गिरना मुनासिब ही नही है। चलती टेªन से वह यात्री गिरकर दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं जो टेªनों की बोगियों के दरवाजे पर लटके रहते हैं। इसके दो कारण ही सामने आते हैं। जिसमें एक तो बोगी में अधिक यात्री होना या फिर शौकिया दरवाजे पर यात्रियों का लटक कर यात्रा करना। अक्सर देखा जाता है कि टेªन की बोगियों के दरवाजे पर लटक कर ही यात्री दो-दो सौ किलोमीटर की यात्रा दरवाजे पर ही लटक कर तय कर लेते हैं। जबकि जरा सी चूक होने पर यही यात्री चलती टेªनों से गिरकर दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। कुछ को तो अपनी जान से हांथ धोना पड़ता है। इसके बाद भी टेªनो से यात्रा करने वाले यात्री नहीं चेत रहे हैं और न रेलवे प्रशासन इन पर अंकुश लगा पा रहा है।

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