कानपुर नगर, हरिओम गुप्ता - हाईवे में अभी तक दर्जनो छोटे-बडे हादसों में सैकडो लोग अपनी जहां जान गंवा बैठे है तो कई लोग विकलांग तक हो गये है। हाईवे में अनदेखे कट, सडको पर अचानक जानवरो के आने या ओवरटेक करने तो कभी तेज रफ्तार के कारण तो कभी उल्टी दिशा से आने के कारण आये दिन हादसे होते रहते है। इन हादसों में जाने तो जाती ही है साथ ही ऐसे हादसे हाइवे अथारिटी तथा प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहे है कि आखिर हाईवे पर वह भी कानपुर जैसे शहर के आस पास इस प्रकार के हादसे क्यो हो रहे है।
हादसों का कोई समय नही होता, चालक की स्वयं की लापरवाही के कारण हादसे होते है तो कभी तेज रफ्तार जान लेवा बन जाती है। इन सबके बीच सवाल यह उठता है कि आखिर हाईवे पर आयेदिन हादसे क्यों हो रहे है। वह इस लिए हो रहे है कि हाइवे पर कोई चालक यातायात नियमों को नही अपनाता और हादसे होते है। दो दिन पहले महाराजपुर में हुई दुघर्टना इस बात का उदाहरण है कि उल्टी दिशा से चल रहे ट्रैक्टर से ट्रक टकरा गया, जिससे दो मासूमो सहित अन्य दो लोग मौत की गोद में समा गये। सवाल यह उठता है किहाईवे पर प्रशासन द्वारा सख्ती क्यों नही की जा रही है और न ही हाइवे पर पुलिसचैकी है जो खासतौर पर यातायात के लिए ही बनी हो। रामादेवी के बाद जीटीरोड पर कहीं कोई पुलिस नही कोई देखने वाला नही नतीजा चालक बेपरवाह होकर गाडी चलाते है और यहीं हाल कानपुर से गुजरने वाले सभी राजमार्गो का है। इस ओर न तो हाइवे अर्थारिटी और न ही प्रशासन ध्यान दे रहा है और लगातार हादसे हो रहे है।
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