कानपुर नगर, हरिओम गुप्ता - यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ साइंसेस, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविधालय व जानसन एवड जानसन प्रा0लि0 द्वारा माइग्रेशन अर्वनेस कार्यक्रम आयोजन किया गया, जिसका उदृघाटन मुख्य अतिथि कुलपति प्रो0 नीलिमा गुप्ता, डा0 विनोद कुमार सिंह कुल सचिव तथा डा0 पुनीत दीक्षित डीएम न्यूरो और यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ साइंसेस कोआर्डिनेटर डा0प्रवीन कटियार द्वारा दीप प्रज्जवल के साथ हुआ।
इस दौरान कुलसचिव ने विधार्थियों को मन लगाकर पढने व तनाव से दूर रहने की सलाह दी। कुलपति प्रो0 नीलिमा गुप्ता ने कहा माइग्रेन की बीमारी महिलाओं में अधिक होती है, जिसका कारण सेन्सिटिव होना व तनाव अधिक लेना है। कहा महिलाये प्रतिदिन के कार्यो को बोझ न माने और प्रसन्न मन से सभी कार्य करे तो तनाव भी कम होगा और वह माइग्रेन से बच सकती है। डा0 पुनीत ने कहा माइग्रने एक दिमागी बीमारी है, जिसमें मरीज को तेज सर दर्द के साथ रोश्ज्ञनी व तेज आवाजों से यह बढ जाता है और यह रो पुरूषों की अपेक्षा महिलाओ में अधिक होता है। हर तीसरी महिला अपने जीवनकाल से इस रोग से ग्रसित होती है। बताया यदि आपको माइग्रेन का दर्द रहता है तो बीमारी समझनी चाहिये और पूर्ण उपचार लेना चाहिये। माइग्रेन में जानकारी ही बचाव है। यदि माइग्रेन वाले रोगी एक वर्ष तक इसकाउपचार लें तो इसके तहत तनाव, तेज अवाज व सुगंध आदि से दूर रहें तो इस रोग से बचा जा सकता है। शक्षिकों व विधार्थियों ने डा0 पुनीत से प्रश्न भी पूंछे। एक जवाब ने डा0पुनीत ने बताया अभिभावक बच्चो पर पढाई के लिए बहुत अधिक दबाव न डाले। हर एक बच्चा अपने में भिनन होता है और उसकी दूसरे बच्चो से तुलना न करे बस उसे वर्ष भर पढने के लिए प्रेरित करे। कार्यक्रम का संचालन डा0 प्रवीन कटियार ने किया तथा इस अवसर पर नेहा शुक्ला, डा0 भारती दीक्षित, डा0 अजय गुप्ता, डा0 संदीप कुमार सिंह, डा0 विवेक सिंह सचान, डा0 मधुलिका सिंह, डा0 द्रोप्ती यादव, डा0 शिल्पा कायस्थ आदि मौजूद रहे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें