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बुधवार, 10 अप्रैल 2019

सरकारी रवैये से निराश विधवा ने पुत्र समेत राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्यु

फतेहपुर, शमशाद खान । जिला प्रशासन के रवैये से आहत विधवा ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर पुत्र सहित इच्छा मृत्यु की अनुमति दिए जाने की मांग किया। बुधवार को असोथर ब्लाक के खपरैलन पुरवा मजरे बरुहां निवासी मीरादेवी पत्नी कृष्ण चन्द्र शुक्ला ने वरिष्ठ अधिवक्ता मणि प्रकाश दुबे के साथ कलक्ट्रेट स्थित मीडिया जन सम्पर्क केंद्र में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि वह ढाई बीघे की काश्तकार है। बड़े पुत्र गोपाल की हृदय रोग के 9 वर्ष की बीमारी चलते मौत हो गयी व अठ्ठारह वर्षीय बेटी की भी बीमारी के चलते मौत हो चुकी है। दूसरी बेटी के पति की मृत्यु होने व बेटी की दोबारा शादी कराने में पति द्वार बैंकों व साहूकारों द्वारा 6-7 लाख रूपये का कर्ज लिया गया था। खेती में आमदनी न होने से पति को साहूकारों व बैंकों द्वारा धन वापसी के नाम पर दबाव बनाया का रहा है। पैसा वापस करने में असमर्थ पति द्वारा 10 मार्च को खेत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली गयी थी। पति की मौत के बाद परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा और 6/7 अप्रैल को उसके फूस के झोपड़े में आग लग जाने से अनाज समेत गृहस्थी जलकर खाक हो गयी। उन्होंने बताया कि संकट ग्रस्त परिवार के पास न तो जिला प्रशासन का कोई नुमाइंदा पहुंचा और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने पीड़ित की सुधि ली। जिस कारण परिवार को शासन व प्रशासन द्वारा किसी तरह की कोई भी आर्थिक सहायता उपलब्ध नही कराई गई। आवास योजना व उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाली गैस का भी लाभ नही दिया गया। साथ ही सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए बीपीएल कार्ड को रद्द कर दिया गया। जिस कारण उनके व उसके पुत्र के पास दो जून की रोटी खाने का भी कोई सहारा नही बचा है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा जारी एक रिपोर्ट में मनमाने तरीके से उनके पति को शराब का लती व परिवार को दस बीघे जमीन का काश्तकार बताकर किसी तरह की आर्थिक सहायता देने से वंचित कर दिया गया। जबकि परिवार के पास मात्र ढाई बीघा जमीन है जोकि उनके व पुत्र के जीविका के लिये नाकाफी है। पीड़िता ने पति को शराबी बताये से आहत होकर व दो जून की रोटी का जुगाड़ करने में असमर्थ रहने के साथ ही सरकारी रवैये से निराश होते हुए राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु दिए जाने की गुहार लगाई है।

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