देवेश प्रताप सिंह राठौर
(वरिष्ठ पत्रकार)
भारत में आजादी के बाद जब पाकिस्तान भारत का निर्माण हुआ पाकिस्तान हमेशा भारत से दुश्मनी रखता है, इसी दुश्मनी की कड़ी में सन 1962 सन 1965 सन 1966 सन 1971 एवं वर्ष 1999 युद्ध हुए हैं। जिसमें सभी ने पाकिस्तान ने मुंह की खाई है। परंतु पाकिस्तान जैसा बेईमान धूर्त देश जिसकी कथनी करनी में बहुत फर्क है हुआ है हमेशा भारत को नुकसान पहुंचाने की सोचता रहता है उसी नुकसान के तहत वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था जिसकी आज 20वीं वर्षगांठ है। इस बीच की वर्षगांठ में हमारे तीन सौ ऊपर शहीद हुए सैनिकों को पूर्ण सम्मान देते हुए एक भारतीय सेना और देश के नागरिक बड़े सम्मान के साथ विजय दिवस को मनाते हैं परंतु दुख होता है जो हमारे वीर सैनिक शहीद हुए जिनके कारण हमने विजय पाई जो भारत की राजनीति का एक हिस्सा काश्मीर उसकी बहुत बड़ी सहयोग रहता है आतंकवादियों को शरण देने में जो अलगाववादी नेता बंद है उन्होंने सिर्फ यही काम किया है कि पाकिस्तान के आतंकवाद को भारत में कैसे फैलाया जाए वही लोग आज हमारे वीर सैनिकों के मृत्यु का कारण बने क्योंकि वह भारत में रहते हैं और पाकिस्तान के नारे लगाते हैं ऐसे अलगाववादी नेताओं काश्मीर में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को भारत में रहने का अधिकार नहीं है। आजादी के बात जो पूर्ण सरकारें रही हैं उन्होंने कभी भी भारत के मजबूती को उतना अधिक ध्यान नहीं दिया जितना देने की जरूरत थी इस चुनाव में स्पष्ट हो गया कि विपक्षी दल किस दल और जात को मजबूत करने की बात पर अड़े हुए हैं वही उनका विनाश का कारण बनता जा रहा है। आज कारगिल विजय दिवस पर हम उन वीर शहीदों को शत-शत बार नमन करते हैं तथा उनके परिवार को उस गाड़ी में कोई युद्ध की इस देश में लड़ने पर चिन्हों की मृत्यु हुई है उनके परिवार को हिम्मत और साहस प्रदान करें। विजय दिवस पूरा भारत विजय के रूप में मनाता है क्योंकि भारत ने पाकिस्तान के अहंकार को तोड़ा है। आज पाकिस्तान भुखमरी की कगार पर है परंतु वह आतंकवाद को बढ़ावा देने में कोई कोताही नहीं कर रहा है। धीरे धीरे पतन के रास्ते पर अग्रसर है क्योंकि इमरान सरकार पाकिस्तान में खुशहाली के नाम पर एक प्रयास करने की सोच कर आए थे परंतु जितना सेनाध्यक्ष कहता है उसी के आधार पर उन्हें बोलना पड़ता है। खुशहाली क्या अपने मन से कुछ नहीं कर सकते और जिस दिन अपने मन से किया उसी दिन तख्तापलट और जेल में जाओ यही पाकिस्तान का इतिहास रहा है आज हम विजय दिवस के अवसर पर गर्व से कह सकते हैं हमारे वीर सैनिकों ने अपनी जान देकर कार्य जैसे कठिन लड़ाई को एक विजय प्राप्त कर पूरे विश्व को दिखा दिया परंतु पाकिस्तान की आज भी आंख नहीं खुली है क्योंकि विनाश काले विपरीत बुद्धि जब तक पाकिस्तान का अस्तित्व नाम नक्शे से नहीं खत्म होगा तब तक वह सुधरने वाला नहीं कश्मीर में आतंकवाद खत्म वर्तमान सरकार द्वारा पहुंच चुका है और आगे भी इसी स्थिति में आतंकवाद को नष्ट कर दिया जाएगा महबूबा मुफ्ती, अमर अब्दुल्लाह जैसे नेता जो सिर्फ कश्मीर को अपनी बपौती समझ रखे हैं जब तक उन्हें कमजोर कर जम्मू कश्मीर में मजबूती की स्थिति नहीं लाएंगे क्योंकि वह जाती पात की नेतागिरी के कारण चुनाव जीत जाते हैं महेश जम्मू में उनका सफाया हो जाता है इसीलिए परसीमन नहीं करा रही है परसीमन कराएंगे तो उनका साफ अच्छी बदली हुई सरकार बनेगी, यह हम और अब्दुल्ला महबूबा मुफ्ती नहीं चाहते यह सांप हैं जम्मू-कश्मीर के लिए क्योंकि इनकी राजनीति देश तोड़ने की है कि छोड़ने की इस कारगिल विजय दिवस के अवसर पर मैं वीर शहीदों को पुनः शत-शत वार नमन करता हूं।
Devesh Singh journalist
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