बीच सड़क पर करते द्वन्द युद्ध, कभी भी हो सकती बड़ी दुर्घटना
फतेहपुर, शमशाद खान । आवारा पशुओं की समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। शहर के सभी सड़कों पर आवारा पशुओं की समस्याओं से मार्गों पर जाम लगने की समस्या के साथ ही बड़ी संख्या में लोग भी दुर्घटना का शिकार हो रहे है लेकिन जिला प्रशासन व नगर पालिका परिषद द्वारा इस ओर ध्यान नही दिया जा रहा है।
लंबे समय से गौवंश को लेकर भले ही राजनीति की जाती रही है लेकिन आज भी सड़कों पर टहलने वाले इन
सड़क पर विचरण करते आवारा जानवर। |
आवारा पशुओं की सुधि लेने वाला कोई नही है। प्रदेश की कमान संभालते ही मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ द्वारा सभी जनपदों में गौशाला बनाये जाने की घोषणा की गयी थी। जनपद के 13 ब्लाकों में 15 गौशाला बनाये जाने का प्रस्ताव पारित होने के बाद गौशालाओ का निर्माण भी किया गया लेकिन प्रशासनिक उपेक्षाओं के कारण अन्ना पशुओं को गौशाला भेजने की जगह आज भी सड़कों पर ही जीवन बिता रहे है। मार्गों पर आवारा जीवन व्यतीत करने वाले गौवंशो में गाय, बछिया, बैल व सांड़ हैं जो सड़कों पर दिन रात अपना बसेरा बनाये रहते है। वहीं सड़क के किनारे लगे कूड़े के ढेर से अपना-अपना भोजन तलाश करते है। इनके सड़कों पर जमे रहने के कारण यातायात बाधित होता है। जिससे जाम की समस्या बनी रहती है। वहीं अचानक मार्गो के बीच में आ जाने के कारण दोपहिया वाहन चालक चोटहिल हो जाते हैं। जबकि पशुओं के आपसी लड़ाई व अचानक भड़कने से राहगीर व छोटे बच्चे अक्सर चोटहिल हो जाते है। वहीं तस्वीर का दूसरा पहलू इन छुट्टा अन्ना पशुओं के जीवन को लेकर भी है। सड़कों पर जीवन बिताने वाले यह गौवंश भोजन के लिये कूड़े के ढेर पर निर्भर हैं। जहाँ अक्सर भोजन की लालच में प्लास्टिक व पालीथीन खाने से गौवंशो का अक्सर जीवन भी संकट में पड़ जाता है। शहरों में दिखाई देने वाले आवारा पशुओं का दूध निकालकर पशुपालकों द्वारा मार्गों पर छोड़ दिया जाता है। जिससे यह पूरा दिन मार्गों पर ही विचरण करते दिखाई देते हैं।
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