ओवर ब्रिज का नहीं करते इस्तेमाल, प्रशासन भी मौन
फतेहपुर, शमशाद खान । शहर क्षेत्र के हररिगंज रेलवे के 48 नम्बर गेट पर विभाग द्वारा ओवर ब्रिज का निर्माण तो काफी पहले करा दिया गया था। लेकिन इसका इस्तेमाल सिर्फ दो पहिया, चार पहिया वाहनों के साथ-साथ बड़े वाहन ही करते हैं। पैदल यात्री आज भी इस क्रासिंग को सीधे पटरी पार कर इधर से उधर जाने का काम कर रहे हैं। जिसके कारण आये दिन दुर्घटनाएं भी होती हैं। लेकिन कुंभकरणीय नींद सो रहा विभाग जागने की कोशिश नहीं कर रहा है। जान जोखिम में डालकर प्रतिदिन दुर्गा मंदिर के समीप स्कूल पढ़ने आने वाले छात्र-छात्राओं के साथ-साथ महिलाएं रेलवे ट्रैक पार करते हुए देखी जा सकती है। इन पर लगाम लगाना बेहद जरूरी है। नहीं तो किसी दिन बड़ी दुर्घटना होने से इंकार नहीं किया जा सकता।
जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक पार करते छात्र। |
बताते चलें कि शहर क्षेत्र में रेलवे स्टेशन के अन्तर्गत तीन क्रासिंग आती हैं। जिसमें हरिहरगंज रेलवे गेट नं0 48, शादीपुर गेट नं0 49 व गैस गोदाम गेट नं0 50 हैं। विभाग द्वारा इन क्रासिंग पर आये दिन होने वाली मार्ग दुर्घटनाओं के मद्देनजर ओवर ब्रिज निर्माण की मंजूरी दी थी और सबसे पहले गेट नं0 50 पर ओवर ब्रिज का निर्माण कराया गया था। इसके बाद शहरियों की मांग पर हरिहरगंज रेलवे क्रासिंग पर भी ओवर ब्रिज बनवाया गया था। अभी शादीपुर रेलवे क्रासिंग पर ब्रिज का निर्माण नहीं हुआ है। जिसके चलते पैदल व साइकिल सवार यात्री क्रासिंग का गेट बंद होने के बाद भी सीधे क्रासिंग पार करने का काम अपनी जान जोखिम में डालकर करते हैं। लेकिन विभाग ऐसे लोगों पर कार्रवाई कभी नही करता। जिससे इनके हौसले बुलन्द हैं। इसी तरह हरिहरगंज क्रांसिग के उस भी बड़ी आबादी है। इसके अलावा दुर्गा मंदिर भी स्थित है। जिसमें लोगों की बेहद आस्था है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में महिलाएं दुर्गा मंदिर दर्शन के लिए जाती हैं। वहीं इस पार बने स्कूलों में पढ़ने आने वाले छात्र भी जान जोखिम में डालकर सीधे रेलवे ट्रैक पार करते हैं। लोगों ने इस ट्रैक को अपना शार्टकर्ट बना लिया है। शार्टकर्ट के चक्कर में कभी-कभी दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। लेकिन इससे भी लोगों को सबक नहीं मिलता। शनिवार को जब संवाददाता इस क्षेत्र में पहुंचा तो स्कूल पढ़ने जाने वाले छात्र रेलवे ट्रैक पार कर रहे थे। इस पार आने पर जब संवाददाता ने बच्चों से बात की तो बताया कि वह स्कूल पढ़ने जा रहे हैं। यदि हरिहरगंज ओवर ब्रिज का इस्तेमाल करेंगे तो उन्हें तीन से चार किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी होगी और समय की भी बर्बादी होगी। इसलिए वह सभी प्रतिदिन इसी शार्टकर्ट से स्कूल जाते हैं।
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