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शनिवार, 27 जुलाई 2019

सिविल कोर्ट परिसर में गन्दगी का साम्राज्य, वकीलों में रोष

फतेहपुर, शमशाद खान । सिविल कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं के बस्तों व चेम्बरों के आमने-सामने काफी अर्से से साफ-सफाई न होने से पूरे परिसर में गन्दगी का साम्राज्य है। बुद्धिजीवी वर्ग कहलाने वाले वकीलों को गन्दगी से जहां दो-चार होना पड़ रहा है वहीं आने वाले वादकारियों को भी उड़ने वाली दुर्गन्ध का सामना करना पड़ता है। गन्दगी के लिए अनेक अधिवक्ताओं ने बार एसोसिएशन को जिम्मेदार ठहराया है। 
गन्दगी से बजबजाती सिविल कोर्ट परिसर की नाली। 
बताते चलें कि दीवानी न्यायालय परिसर में लगभग पांच सैकड़ा से अधिक अधिवक्ताओं के चेम्बर व बस्ते स्थापित हैं। इस परिसर की सफाई का जिम्मा बार एसोसिएशन का है। काफी दिनों से पूरे परिसर की सफाई न होने से नालियां बजबजा रही हैं। जगह-जगह कूड़ों के ढेर से दुर्गन्ध उड़ रही है। अधिवक्ताओं के चेम्बरों के सामने कूड़ों के ढेर को देखकर वादकारी भी यह सोंचने को मजबूर हैं कि बुद्धिजीवी वर्ग के बीच जब फैली गन्दगी को साफ नहीं किया जा रहा है तो अन्य स्थानों का क्या हाल होगा। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रिय कुमार तिवारी, शफीकुल गफ्फार खां, पूर्व बार अध्यक्ष बाबू सिंह यादव सहित तमाम अधिवक्ताओं ने व्याप्त गन्दगी के लिए वर्तमान बार एसोसिएशन को जिम्मेदार ठहराया। इन अधिवक्ताओं ने कहा कि पिछली कार्यकारिणी के कार्यकाल में एसोसिएशन ने अपने वेतन पर चार सफाई कर्मी तैनात किये थे। जो अधिवक्ताओं के आने से पहले ही साफ-सफाई कर देते थे। लेकिन इधर काफी समय से सफाई कर्मचारियों को हटा दिया गया है। जिसके चलते गन्दगी उत्पन्न है। एक अधिवक्ता ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वह ब्राह्मण समाज से ताल्लुक रखते हैं। इसके बावजूद भी वह सुबह अपने बस्ते पर बैठने से पहले हाथों से स्वयं झाडू लगाकर गन्दगी को साफ करते हैं क्योंकि साफ-सफाई एक नियामत की तरह है। 

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